hay hay ye majboori ye mausam ye doori
अरे हाय हाय ये मजबूरी फिल्म--रोटी कपडा और मकन (1974) गायिका -- लता मंगेशकर संगीत-- लक्ष्मीकांत , प्यारेलाल गीतकार--वर्मा मलिक कलाकार -मनोज जीनत अमान ------------------------------- अरे हाय हाय ये मज़बूरी ये मौसम और ये दूरी अरे हाय ये मज़बूरी ये मौसम और ये दूरी मुझे पल पल है तड़पाये तेरी दो टकिया दी नौकरी में मेरा लाखों का सावन होना ~~~~~~~~~~~~ कितने सावन बीत गया बैठी हूँ आस लगाये जिस सावन में मिले सज़वा वो सावन कब आये कब आये मधुर मिलन का ये सावन हाथों से निकल जाए ~~~~~~~~~~~~~~~~~ तेरी दो टकिया दी नौकरी में मेरे लाखों का सावन हो जाए अरे हाय ये ये मज़बूरी ये मौसम और ये दूरी ~~~~~~~~~~~~~ मुझे पल पल तड़पाये तेरी दो टकिया दी नौकरी में मेरा लाखों का सावन होना होगा अरे हाय ये मज़बूरी ये मौसम और ये दूरी ~~~~~~~~~~~ प्रेम का ऐसा बंधन है प्रेम का ऐसा बंधन है ... जो बन्धके फ़िर ना टूटे। अरे नौकरी का है क्या भरोसा आज़ादी से मिले कल छूटे ... कल छूटे अम्बर पे है रचा स्वयंवर फ़िर भी तू घबराये ~~~~~~~~~~~~ तेरी दो टकिया दी नौकरी में मेरा लाखों का सावन हो ~~~~~~~...