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Showing posts from December, 2020

मुल्याकंन VALUTION

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 मुल्याकंन ---वह तरीका है जो किसी का भी आकलन कर सकते हैं। किसी भी वस्तु की कमियाँ -खामियाँ के स्तर को जान पाते हैं। मानव के संदर्भ में उसकी कमियाँ,रूचियां और प्रतिभा का आकलन कर सकते हैं।  मुल्याकंन से ही इनके विकास स्तर को मापा जा सकता है  उदाहरण जैसे विधार्थियों के होने वाली परीक्षाएँ। जो विधार्थी उत्तरोत्तर पढाई के स्तर बढ़ा लेता है वह अगली कक्षा में चला जाता है। विधार्थी अध्यापक,साथ वाले विधार्थियों के साथ कैसा व्यवहार करता है मिलने वाले दिशा-निर्देशों का कितना अपनाता है। इससे उसके मानसिक स्तर का आकलन किया जा सकता है  भौतिक वस्तुओं के मुल्याकंन के स्तर को जानने के कमियों _खामियाँ से तय किया जा सकता है  मुल्याकंन से ही कमियों को सुधारा जा सकते हैं। मुल्याकंन से ही सुधार होता है समाज के लायक बनता है। इसलिए मुल्याकंन हमेशा चलता रहता है  मुल्याकंन से ही नया रूप नये क्रिया-कलाप से अवगत हो पाते हैं। जैसे मोबाइल को उत्तरोत्तर विकास से ही आज  इस रूप में हैं। इस संदर्भ दूसरी वस्तुओं को लिया जा सकता है। पुरानी वस्तु नये रूप रंग में आती हैं उसमें कुछ न कुछ पहली वाले रूप से ज्यादा प्राभावी रूप

भावना Feeling

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  मन की कल्पनाएँ, खयाल, विचार, चिंतन ध्यान, अच्छी लगने वाला, मन-भावन .... आदि शब्दो से विचार कर रहे हैं।  अच्छी भावनाएँ रखने वाले लोग स्वतंत्र विचारों और जीवन के अर्थ को अच्छी तरह से समझ पाते हैं  अच्छी समझ रखने वाले लोग सीधा और स्पष्ट बोल सकते हैं। निडर और आत्मविश्वास से भरे हुए हैं  भावना ही मानव का जीवन हैं और भावना ही प्राकृतिक है। भावनाएँ ही शनि और नित्य होती हैं  मानव जीवन की संभावना: भावनाओ से संचालित होता है। जैसी भावनाएँ होती हैं वैसी ही सिद्वि मिलती है  कई बार जैसी मानव सोच है वैसा बाहरी ताकतें होने भी नहीं देती है। खैर हमें तो मन भाव समझने में हैं। भावनाएँ तर्क से दूर होती हैं। कर्मों की ध्वनि शब्दो से ऊँची होती हैं। जिसकी जैसी भावना वैसा फल दे। निजी भावना, समूह भावना, राष्ट्रीय भावना और संसार के प्रति भावना सब अपनी -अपनी जगह महत्व रखती है  अपने पन की भावनाएँ ही हमें आपस में जोड़े रखती है। भावनाएँ न होने से नाता टूटने लगता है इसलिए किसी की भावनाओ से नहीं खेलना चाहिए। किसी मंच पर हम एक जगह हो सकते हैं। लेकिन भावनाएँ आपस में फिर से नहीं जुड़ सकती।   रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो छ

भरोसा believe

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भरोसे को आसरा,आशा का आधार,समर्थन,सहारा,संबल भी कह सकते हैं। भरोसा होता है वहीं धोखा होता है। भरोसा होता है कि ऐसा होगा या वैसा होगा लेकिन होता कुछ ओर। इसी को भरोसा टूटना कह सकते हैं  भरोसे को परखा जाता है परीक्षा की कसौटी पर। जांचा जाता है हर वस्तु को परखा जा सकता। स्वर्ण को जांचने मानक है। ठीक वैसे ही कुछ मानक व्यक्ति के परखने के लिये होते हैं।  व्यक्ति परखने के लिये व्यक्ति का त्याग,गुण,चरित एंव उसके द्वारा सम्पादित कार्यों को ध्यान में रखना पड़ता है  भरोसा करने से पहले उसको परखना चाहिए ताकि किसी भी तरह की हानि ना उठानी पड़े। कई बार जांचा परखा व्यक्ति भी धोखा दे जाता है  आचार्य चाणक्य जी का श्लोक बड़ा महत्वपूर्ण है  यथा चतुर्भि: कनक परीक्ष्यते निघर्षणं छेदनतापताड़नै: तथा चतुर्भि:पुरूष परीक्ष्यते त्यागेन शीलेन गुणेन कर्मणा त्याग की भावना उसके साथ रखो जो भरोसा करने लायक हो चरित्र का ध्यान -- जिनका चरित्र अच्छा होता है वो दुसरों को भी चरित्रवान बनाते हैं या चरित्रवान बनने के लिये प्रेरित करते रहते हैं। गलत मंशा रखने वालों से दूर ही रहना चाहिए  गुणों की तुलना --- जो क्रोधी हो आलसी हो जो स्वा

अंतर्मन का भान SENSE OF INNER

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  अंतर्मन ही विवेक होता है।अंतर्मन स्थायी,गंभीर,सानिध्य और पारिवारिक परिवेश का अनुसरण करता है  अंतर्मन को पहचाननें वाले जीवन के उतार -चढ़ाव  को आसानी से समझ लेते हैं  अंतर्मन ही हमें शांत और संयमित रहना सिखाता है। मन के अवगुणों का अंतर्मन ही नियंत्रण कर पाता है  अंतर्मन ही हमें स्नेह,साहस और सही कार्य करने की प्रेरणा देता है  अंतर्मन कहता है पहले अपने -आप को सुरक्षित कर फिर मददगार अवश्य बन। अंतर्मन ही कहती हैं कि यह सही है मदद कर।  अंतर्मन के कारण व्यक्ति गलत कार्यो करने से बच सकता है।  अंतर्मन ही सकारात्मक और नकारात्मक का फर्क कराता है। अंतर्मन से कार्य करने वाला हमेशा यही सोचता है कि प्रकृति ने इस कार्य के लिए मुझे निमित्त किया है वह करता है। और कर्ता का भाव भी नहीं रखता है  जीवन एक रणभूमि है यहां नित्य यूद्ध होता है अभावों से लड़ने का। बाहरी शत्रु तो दिख जाते हैं लेकिन असल शत्रु मन होता है। मन हमें मोह-माया में जकड़े रखता है  मन स्वार्थी होता है जो अपनों की परवाह करने में लगा रहता है।अंतर्मन निस्वार्थ होता है। जो सही को सही और गलत को गलत कहता है। भले ही उसके अपने नाराज हो जाए। अंतर्मन

सफलता SUCCESS

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 जीवन की मिठास सरल और सहज चीजों में हैं पर मानव खुद अपनी ही बनाई जटिलताओं से घेर लेता है  उसके पास आनंदित नहीं होता है जो नहीं हैं उसको लेकर दुखी होता रहता है  जहां तक दिखता है वहां तक तो चलो। जब वहां तक जाएंगे तो आगे भी कुछ न कुछ जरूर दिखाई दे  कामनाएँ दुख का कारण होती हैं और कामनाएँ ही चैन से नहीं रहती  अपनी तृष्णा के कारण भटकाव जीवन में लगा रहता है प्राकृतिक स्नेह हमेशा रखना चाहिए। जो आपके पास है वो बहुतो के पास नहीं होती हैं यह भी सच है  मछली उड़ नही सकती पक्षी सागर की गहराई में नहीं उतर सकती दोनों की अपनी-अपनी प्राकृत योग्यताएँ है कमियाँ भी कुदरत ने सब को कुछ न कुछ दिया है बाकि सब विकल्प होते हैं। पाने की चाहत व्यक्ति को तड़फ देती है।  व्यक्ति ने जो भी अर्जित किया है वो ना चाहते भी छोड़ना पड़ता है दुसरे शब्दों में कहें तो छुड़वा लेते हैं पहले जैसा हो जाता है ऐसे पदो का ज्यादा मान नहीं करना चाहिए  जब कोई चीज गवा देता है तो क्रोधित नहीं होना चाहिये और क्रोधित व्यक्ति सही निर्णय नहीं ले पाता है  यह भी सच है कि जिंदगी में ज्यादात्तर वो घटनाएँ ज्यादा घटित होती हैं जिन्हें हम नहीं चाहते। कुद

गति SPEED

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एक छोर से दूसरे छोर जिस वेग से पहुँच होती हैं उसे गति कहते है  अच्छे कामों की गति अनवरत चलती रहती हैं। चलनी भी चाहिए  अमानवीय कार्यों की गति हानिकारक ही सिद्व होती हैं  गति का नियम शक्ति पर आधारित है। अपने-आप को,समाज को,क्षेत्र को शक्ति से ही स्थापित कर सकते हैं  गति ही जीवनदायिनी होती हैं। सतत चले चलना ही जीवन हैं  सब चलायमान होते हैं भले ही वह हमें ठहरे हुए प्रतित गतिहीनता ही मृत्यु होती हैं गति को बाहरी दबाव प्रभावित करता है  थकहारकर बैठ जाना गति सिद्धांत के विरूद्व है  मन बनता है तभी कोई आकृति प्रकट होती हैं  लाख बार असफलता के बाद भी गति सफलता की और ले जाती हैं  बीज से वृक्ष बनने की गति बहुत धीरे होती हैं लेकिन एक दिन वटवृक्ष बन जाता है  जीवन की गति अनवरत चलती रहनी चाहिए तभी तो समाज सहज और सुगमता से चल पाएगा। गति ही कल का निर्माण है। गति  सब को चलायमान रखती हैं। गति ही संभावनाओं के द्वार खोलती है।  गति के साथ -साथ कुछ छुट भी जाता है। जो बारबार याद आता रहता है  जब जीवन दाब पर लगा हो तो गति अपने आप ही बढ जाती हैं शिकार और शिकारी के दरमियान  The velocity that reaches from one end to t

संबंध Relation

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 संबंध हमारे जीवन जीने का आधार होता है। स्वार्थ ही संबंधों  का निर्माण करता है। एक दाता तो दुसरा ग्राही है। संबंध सर्वोत्तम स्तर या निम्नतम स्तर पर भी नहीं बदलते जैसे भगवान कृष्ण और सुदामा जीवन स्तर दोनों का ही अलग-अलग पर संबंध अटूट  परिस्थितियों के अनुसार बदल जाए तो उसे अच्छे संबंध नहीं कह सकते। संबंध पारदर्शी होने चाहिए, संबंधों में सच्चाई हो, सम्मान हो तब संबंध बने रहते हैं  संबंध अनमोल होते हैं इन्हें संभाल और सहज कर रखने में ही भलाई हैं। कांच टूट जाता है तो टूट जाता है वैसे ही संबंध होते हैं। संबंध प्रगाढ़ तभी होंगे जब विश्वास हो संबंध  शंका-कुशंका,बैर और अहम रहित होने पर ही लम्बे चलते। अनादर का भाव नहीं आना चाहिए  सहयोग कर रहें हैं या सहयोग ले रहे हैं ऐसे भाव नहीं आने चाहिए  निस्वार्थ सहयोग की प्रवृति ही संबंधों को मजबूत बनाती हैं  अवैध संबंध कभी भी सामाजिक जीवन में अच्छे परिणाम नहीं देते। हमेशा गलत ही सिद्व होते हैं  अच्छे समाज के लिये अच्छे संबंधों का होना जरूरी होता है  Relationship is the basis of living our life.  Selfishness builds relationships.  One donor is another receiv

जीवन के रिश्ते

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 प्राणी का इस संसार में आते ही रिश्ते बन जाते हैं ये रिश्ते ताउम्र जीवन के साथ चलते चाहे अनुभव कैसा भी रहे। हर रिश्ते में आपस में पुर्ण और अटूट विश्वास की आवश्यकता होती हैं दोनों पक्षों की तरफ से निरंतर बनाये रखने की जरूरत होती हैं  रिश्ते की नींव आपसी परस्पर सहयोग पर आधारित होती हैं टिके रहते हैं। हमेशा ताजगी बनी रहनी चाहिए  रिश्ते  को कभी एक पक्ष अकेला नहीं निभा सकता /सकती रिश्ता कभी -कभी बोझ लगने लगता है। हो सके तो ऐसे रिश्ते से दूरी बना लेना चाहिए। क्योंकि सबकी अपनी -अपनी आवश्यकताऐं होती हैं  कुछ रिश्ते जन्म से ही जीव के साथ जुड़ जाते ऐसे रिश्तों में दूरियां भले ही बन जाए छुट नहीं सकते। बनने वाले रिश्तों की बात करें तो वह है पति पत्नी का रिश्ता। सनातन धर्म यही कहता है कि यह रिश्ता सात जन्मो का होता है। आज दुर्भाग्य है यही रिश्ता ज्यादा टूटता है।  पति पत्नी का रिश्ता तब टूट जाता है जब कोई एक किसी दूसरे और से बंध जाता है। रिश्तों में पवित्रता बहुत जरूरी होती हैं। कभी -कभी शंकाएँ रिश्तों में जहर घोल देती हैं।  रिश्ते की पहली शर्त ही होती हैं अपनी-अपनी  मर्यादाएँ न लांघे।जीवन में रिश्तो