कौंन दिशा में लेके चला रे बटुहिया
कौन दिस मे लेके चल रे बटोहिया गीत नादिया के पार (1982) फिल्म के कौन दशा में लेके चल रे बटोहिया.हेमलता, जसपाल सिंह द्वारा गाया गया , रवींद्र जैन द्वारा संगीतबद्ध संगीत , साधना सिंह अभिनीत । कौं देसा मैं लेके चल रे बटुहिया कौं देसा मैं लेके चल रे बटुहिया कौं देसा मैं लेके चल रे बटुहिया थार थार, तुम सुहाणी सी डागर ज़रा देखन दे, देखान दे मन भरमे नयना बांधे तु डगरिया मन भरमे नयना बांधे तु डगरिया कहि गइ जो थर, दिन जागे गुजार गादी हांकन दे, हांकन दे पहली बड़ हम निकले हैं घर से, कैसी अंजाने के संग हो तोरा अंग हो महक से तू कहै न जान महक से तू कहै न जान न कर्ण मोहे तांग हो, तांग करण का तोसे नाता गुजारी टाँग कर के कासे नाता है गुझिया वह, थर थर, तुम सुहाणी सी डगर ज़रा देखन दे, देखान दे किटनी दुर अबि कितनी दुर है, ऐ चंदन तोरा गानव हो किटना आपन लागे जाब कोइ बुलाय लेके नाम हो नाम ना लेतो क्या कहलाये नाम ना लेतो क्या कहलाये साठी मितवा ये अनादि कहो गोरिया साठी मितवा ये अनादि कहो गोरिया कहि गइ जो थर, दिन जागे गुजार गादी हांकन दे, हांकन दे एई गुंजा, हमें दिन तेरी सखियां, करति थी क्या बात हो कहती थी