कौआ Crow
कौआ आदि काल से इसके बारे में कहावते, इसकी जरूरतें और इसकी सोच आज भी प्रासंगिक है। और रहेगी। आज भी सनातन संस्कृति में कौआ का मान है। और रहेगा। काला कौआ को ज्यादा माना देते है। कौआ जल्दी से किसी पर विश्वास नहीं करता है। यह पहले वस्तु स्थिति को जांचता-परखता है। फिर अपनी क्रिया प्रक्रिया करता है प्यासा कौआ कहानी के बारे सब जानते है कौवओ की अनेको प्रजातियां होती है। लेकिन घरेलू कौआ ही ज्यादा उपमा रखता है। इसके समूह को डार कहते है। कौआ सर्वाहारी होता है। कौआ खतरा भापन ने माहिर होता है। एक आवाज से सब को इक्कठा कर लेता है। यह आवाज बदलने में बड़ा सिद्वहस्त होता है। कौआ संदेश वाहक भी माना जाता है। मुंडेर पर बोलने पर मेहमान आने की भविष्य वाणी मानी जाती है। कौआ अपने भोजन को सुरक्षित भी रख लेता है। ज्योतिष विज्ञान में इसकी हर हरकत के फल को बताते है जैसे सिर पर बैठने को बहुत ही अशुभ माना जाता है। पितर पक्ष में पूर्वजों तक भोजन इसके लिए कौओ को घर की छत पर भोजन रखा जाता है। ऐसी परम्परा चली आ रही है। चालाक पक्षि होता है। अकेला रहना पसंद करता है। बर्ड फ्लू से इनकी मृत्यु हो रही है। यह दुखद है। The