संघर्ष भरा जीवन Struggle life
जन्म के साथ ही जीवन में संघर्ष शुरु हो जाता है। इससे ज्यादा कहें गर्भकाल में भी संघर्ष होता है। बात कर रहें हैं देखने,सुनने और करने योग्य संघर्ष की। जीवन का हर एक पड़ाव संघर्ष से गुजरता है। बीना संघर्ष के किसी का भी जीवन आगे नही बढ सकता है। अगर आपके पास संचित धन है उससे भोजन आपके मुंह तक कोई दूसरा पहुंचा सकता है लेकिन चबाना तो खुद को ही पड़ता है। कहने का मतलब है कि अंतिम संघर्ष व्यक्ति को खुद ही करना पड़ता है। विद्यार्थी को अच्छा विद्यालय मिल सकता है। अच्छे सहपाठी मिल सकते हैं और तो और अच्छे शिक्षक भी मिल सकते हैं लेकिन अपनी मेहनत से ही शिक्षा पाई जाती है। इसलिए सीखने में कभी भी पीछे नहीं रहना चाहिए। निराशा भरे जीवन में भी सीखने की ललक ही हमारे जीवन में नये रंग भर्ति है। सामाजिक जीवन में हमारा जुड़ाव बहुतों के रहता है। उनके प्रति भी हमारे कर्त्वय रहते हैं। जिनका निर्वहन ताउम्र चलता रहता है। नये लोक जीवन में आते रहते हैं। कुछ स्थायी होते हैं और कुछ अस्थाई होते है। वैसे तो सच यह है कि ज्यादातर हमारे वश में नहीं होता है। दूसरे पक्ष की भूमिका भी बड़ी मायने रखती हैं। उसके परिणाम भी भुगतने प...