सच्चा दोस्त अपने आप के बनो True friend be yourself

हर एक के जीवन में दोस्त होते ही है। जब समय खराब आता है तब सच्चा दोस्त किसी न किसी रूप में आपके निकट होता है वही सच्चा दोस्त होता /होते हैं। बुरे वक्त में दोस्त की पहचान होती हैं। या यूँ कह ले कि छंटनी हो जाती हैं। अंधे के लिये दर्पण का महत्व,वैसे ही है जैसे बुद्धिहीन के लिये शास्त्रों का महत्व। विद्या की तरह कोई नैत्र नहीं। सत्य के समान तप नहीं। कामनाओं की तरह कोई दुख नहीं। त्याग के समान कोई सुख नहीं। उदार बनो पर अपना प्रयोग मत होने दो। गलत औजार से आप एक पेच नहीं खोल सकते तो गलत दिशा में की गई मेहनत आपको सफलता कैसे दिला सकती है। मित्र वही सच्चा होता है जो सही रास्ता दिखाए। सही रास्ता न दिखाने वाला दोस्त दुश्मन से भी बड़ा दुश्मन होता है। जब किसी रिश्ते में अहमियत खत्म होने लगे तो उस रिश्ते से चुपचाप समाप्त कर देना चाहिए। किसी से अब बात करने का दिल नहीं करता अब न जाने क्यों रिश्ते झुठे लगने लगे हैं। जब लड़ाई अपनों से हो तो हार जाना अच्छा है और जीतना बहुत जरूरी हो जाता है जब लड़ाई अपने आप से हो। समुंदर अथाह विशाल है ना तो इसे कोई खाली कर सकता है और ना इसे कोई भर सकता है। सबसे अच्छे विचार एक ...