मुल्याकंन VALUTION
मुल्याकंन ---वह तरीका है जो किसी का भी आकलन कर सकते हैं। किसी भी वस्तु की कमियाँ -खामियाँ के स्तर को जान पाते हैं। मानव के संदर्भ में उसकी कमियाँ,रूचियां और प्रतिभा का आकलन कर सकते हैं। मुल्याकंन से ही इनके विकास स्तर को मापा जा सकता है उदाहरण जैसे विधार्थियों के होने वाली परीक्षाएँ। जो विधार्थी उत्तरोत्तर पढाई के स्तर बढ़ा लेता है वह अगली कक्षा में चला जाता है। विधार्थी अध्यापक,साथ वाले विधार्थियों के साथ कैसा व्यवहार करता है मिलने वाले दिशा-निर्देशों का कितना अपनाता है। इससे उसके मानसिक स्तर का आकलन किया जा सकता है भौतिक वस्तुओं के मुल्याकंन के स्तर को जानने के कमियों _खामियाँ से तय किया जा सकता है मुल्याकंन से ही कमियों को सुधारा जा सकते हैं। मुल्याकंन से ही सुधार होता है समाज के लायक बनता है। इसलिए मुल्याकंन हमेशा चलता रहता है मुल्याकंन से ही नया रूप नये क्रिया-कलाप से अवगत हो पाते हैं। जैसे मोबाइल को उत्तरोत्तर विकास से ही आज इस रूप में हैं। इस संदर्भ दूसरी वस्तुओं को लिया जा सकता है। पुरानी वस्तु नये रूप रंग में आती हैं उसमें कुछ न कुछ पहल...