गति SPEED
एक छोर से दूसरे छोर जिस वेग से पहुँच होती हैं उसे गति कहते है
अच्छे कामों की गति अनवरत चलती रहती हैं। चलनी भी चाहिए
अमानवीय कार्यों की गति हानिकारक ही सिद्व होती हैं
गति का नियम शक्ति पर आधारित है। अपने-आप को,समाज को,क्षेत्र को शक्ति से ही स्थापित कर सकते हैं
गति ही जीवनदायिनी होती हैं। सतत चले चलना ही जीवन हैं
सब चलायमान होते हैं भले ही वह हमें ठहरे हुए प्रतित गतिहीनता ही मृत्यु होती हैं गति को बाहरी दबाव प्रभावित करता है
थकहारकर बैठ जाना गति सिद्धांत के विरूद्व है
मन बनता है तभी कोई आकृति प्रकट होती हैं
लाख बार असफलता के बाद भी गति सफलता की और ले जाती हैं
बीज से वृक्ष बनने की गति बहुत धीरे होती हैं लेकिन एक दिन वटवृक्ष बन जाता है
जीवन की गति अनवरत चलती रहनी चाहिए तभी तो समाज सहज और सुगमता से चल पाएगा। गति ही कल का निर्माण है।
गति सब को चलायमान रखती हैं। गति ही संभावनाओं के द्वार खोलती है।
गति के साथ -साथ कुछ छुट भी जाता है। जो बारबार याद आता रहता है
जब जीवन दाब पर लगा हो तो गति अपने आप ही बढ जाती हैं शिकार और शिकारी के दरमियान
The velocity that reaches from one end to the other is called speed.
The pace of good works continues uninterrupted. Must walk
Speed of inhuman actions is harmful only
The law of motion is based on power. You can establish yourself, society, region with power only
Speed is life-giving. Life goes on forever
Everything is movable even if it is a stagnant death pertaining to us, the external pressure affects the speed.
Sit down tired
When a mind is formed, a figure appears
Even after failure millions of times, speed leads to success
The speed of tree formation from seed is very slow but one day it becomes a tree.
The pace of life should continue uninterrupted only then the society will be able to run smoothly and smoothly. Speed is the creation of tomorrow.
Speed keeps everyone moving. Speed opens the door to possibilities.
Along with speed, there is also some relaxation. Who misses again and again
When life is under pressure, the speed increases automatically between hunters and hunters
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