Accept quality perfect life



 जीवन में बहुत से सच होते हैं जिन्हें हमे ना चाहते हुए भी। वर्तमान की परिस्थितियाँ या जीवन की बीति बातें। हर परिस्थितियाँ के हम या हमारे परिजन या निकटजन जिम्मेवार होते हैं। अच्छा करने के लिये अच्छे प्रयत्न करने पड़ते है। 

घमंड में में ही सबकुछ तबाह हो जाता है  घमंडी परिस्थितियाँ का आकलन पुर्ण रूप से नहीं कर सकता है। घमंडी सबको दुखों की तरफ धकेल देता है। एक गलत निर्णय सभी सदस्यों के लिये परेशान खड़ी कर देता है।

जब व्यक्ति अपने लिए फैसला लेता है उसका प्रभाव दुसरों पर कम पड़ता है। जब निर्णय समूह के लिये लिया जाय तो पुरे समूह का ध्यान रखना पड़ता है।

घमंडी के दूसरे सारे गुण स्वतः ही नष्ट हो जाते हैं।

कुछ समस्याएँ समय के साथ उपजती है। समय के साथ ही खत्म हो जाती हैं। और कुछ का समाधान करने के लिये हमें कोशिश करनी पड़ती है।

जो हर परिस्थितियाँ में भी सकारात्मक सोचते हैं  उन के आसपास सकारात्मक ऊर्जा का घेरा बना रहता है। सकारात्मक सोचते वालों के  पास अगर कोई बुरी सोच वाला निकट आता है तो वह भी शांत मानसिकता का बनने लगता है।

व्यापारिक,सामाजिक या पारिवारिक कार्यों को टीम भावना का ध्यान रखना अवश्य चाहिए। फिर हर सदस्य पुरी निष्ठा से अपनी -अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं। 

क्षमा करने से ही हम अपनी ऊर्जा और समय बचा सकते है। लेकिन इसका अर्थ यह भी नहीं हैं कि जो बार-बार क्षति दें। और हम हर बार क्षमा करते रहे?

दिल और दिमाग़ का संतुलन बनाकर ही कोई बड़ा निर्णय लेना चाहिए।

महान वही है जो खुद असमर्थ होते हुए भी दूसरों की भलाई के लिये निस्वार्थ काम करता है।

सही कार्य करने वालों की तो भगवान भी मदद करते हैं। ऐसे व्यक्ति जो स्पष्ट,साफ,सीधी सटाक कहने वाले की वाणी और शब्द कठोर हो सकते है लेकिन धोखा नहीं दे सकते हैं।

अतीत गहरी लकीरों का वह चित्र होता है। जिसे हम चाहते हुए भी मिटा नहीं सकते और उम्मीद वह चित्र निर्माण करती हैं जिस पर भविष्य टिका रहता है।

शून्य की अपनी अपनी कोई कीमत नहीं होती हैं पर जिस अंक के साथ जुड़कर कीमत बढा देता है।

बिखरा हुआ समान या परिवार कभी भी राजा नहीं बन सकता। लेकिन आपस में लड़कर दूसरों को राजा अवश्य बना देते हैं। यही इतिहास रहा है।

मैदान में हारा हुआ फिर से जीत सकता है। मन से हारा हुआ कभी भी नहीं जीत सकता है।

व्यक्ति का आत्मविश्वास ही सर्वश्रैष्ट पूँजी होती हैं।

संकट आने पर दुखी न हों। जीवन सुख-दुख आते रहते हैं। अपनी योजनाएँ गुप्त रखो।

हर बाधाओं को पार करने की क्षमता व्यक्ति को बुद्धिमान बनाती हैं। धैर्य के मार्ग पर चलो।

बिखरने में समय नहीं लगता, समय लगता है निखरने में। इर्ष्या यानि जलन और अहंकार है। और पड़ोसी के पास है तो जलन और खुद के पास है तो अहंकार 

आज समाज में तनाव बढ रहें हैं और जीवन कम हो रहा है। प्रथम स्थान पर तो कोई एक ही आ सकता है। लेकिन प्रयास तो अनेकों करते हैं। यही जीवन की दौड़ है यही जीवन की प्रतियोगिता है।

तब तक अपने काम पर लगे रहो जब तक आप अपने काम में सफलता प्राप्त न कर लो 




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