Tauba yeh matwali chal तौबा ये मतवाली चाल। पत्थर के सनम
तौबा ये मतवाली चाल,झुक जाए फूलों की डाल
चाँद और सूरज आकर माँगें तुझसे रँग ए जमाल
हसीना तेरी मिसाल कहाँ -2
सितम ये अदाओं की रानाइयाँ है
कयामत है क्या तेरी अँगड़ाइयाँ है
बहार ए चमन हो घटा हो धनक हो
ये सब तेरी सूरत की परछाइयाँ है
के तन से उड़ता गुलाल कहाँ
तौबा ये मतवाली चाल झुक जाए फूलों की डाल
चाँद और सूरज आकर माँगें तुझसे रँग ए जमाल
हसीना तेरी मिसाल कहाँ -2
यही दिल में है तेरे नजदीक आ के
मिलूँ तेरे पलकों पे पलके झुका के
जो तुझसा हसीं सामने हो तो कैसे
चला जाऊँ पहलू में दिल को दबा के
मेरी इतनी मजाल कहाँ
तौबा ये मतवाली चाल झुक जाए फूलों की डाल
चाँद और सूरज आकर माँगें तुझसे रँग ए जमाल
हसीना तेरी मिसाल कहाँ -2
हूँ मैं भी दीवानों का शाहजादा
तुझे देखकर हो गया कुछ ज्यादा
खुदा के लिए मत बुरा मान जाना
ये लब छू लिये है यूँ ही बे इरादा
नशे में इतना खयाल कहाँ
तौबा ये मतवाली चाल झुक जाए फूलों की डाल
चाँद और सूरज आकर माँगें तुझसे रँग ए जमाल
हसीना तेरी मिसाल कहाँ
Comments
Post a Comment