What do we mean by traces of life? बुद्धिमान व्यक्तित्व
इक बंनजारा गाये जीवन के गीत सुनाए जीवन है तो जीवन की एक पहचान भी होनी चाहिए और किसी न किसी रूप में होती भी है। एक की नजर में एक व्यक्ति कोई काम का नहीं वही व्यक्ति किसी दूसरे की नजर में बहुत काम का हो सकता है। व्यक्ति किसके साथ है या या वह किसके साथ है। यह एक पहचान तो हो सकती है। लेकिन पहचान व्यक्तिगत भी होती हैं। आज का विषय यही है व्यक्तिगत पहचान क्या है और कैसे है? व्यक्तिगत पहचान कई तरह की होती है और कई तरह की होती है। जो निम्न है जन्म -- जन्म के साथ ही पहचान शुरू हो जाती हैं यह तो नवजात है, यह तो बालक है, युवा,गृहस्त, अधेड़, प्रौढ़ है। साधारण जीवन चक्र या पहचान है व्यक्ति अपनी अच्छी पहचान बनाने के लिए स्वयं जो करता वह करता ही है। पर व्यक्ति की पहचान के दूसरे पक्ष भी होते हैं जैसे परिवार, संस्थाएँ.. व्यक्ति को अपनी व्यक्तिगत पहचान बनानी चाहिए जो एक भीड़ से उसे अलग कर सके। एक पहचान दे सके। अगर व्यक्तिगत पहचान वाला जीवन चाहिए तो कुछ प्रयास अपने स्तर पर भी करने होते हैं। छोटे छोटे लक्ष्य रखे,उनको पाने के लिए परोपकार, ईमानदारी से अपने काम करो,आध्य्त्मिक का ज्ञान प्राप्त...