Posts

Showing posts with the label credit cooperative society

credit cooperative society and its future क्रेडिट कोओपरेटिव सोसाइटी और जमाकर्ता का भुगतान

Image
Basically credit cooperative society का सहयोग के आधार पर जरूरत के अनुसार गठन होता है। जैसे हाउसिंग सोसाइटी, कार्य के अनुसार सोसाइटी, स्टेट सोसाइटी और मल्टि स्टेट सोसाइटी। जहां तक क्रेडिट को-ओपेरटिव सोसाइटी होती है वो पहले सदस्यों को अपनी सोसाइटी के सदस्य बनाते हैं। जो छोटी सी राशि से सदस्य बना लेते हैं। असली खेल तो सदस्यता लेने के बाद शुरु होता है। दूसरे शब्दों में कहें तो लुटने का ठगने का छल करने का। जो कृषि मंत्रालय भारत सरकार जिनको भी अनुमति प्रमाण-पत्र देते हैं आज लगभग सभी का बुरा हाल है। क्लेकशन करने वाले कार्यकर्ता और जमाकर्ता यहां-वहां से आस लगाए बैठे हैं की कोई मदद कर के क्रेडिट को ओपेरटिव सोसाइटियों से भुगतान दिला दे! वैसे तो सभी क्रेडिट कोओपरेटिव गठन पुर्ण वैधानिक तरीके से होता है। और समय -समय पर बैलेंस शीट भी प्रकाशित करते हैं। नियामक संस्थाओं में बैलेंस शीट जमा कराते है।  जो महज एक दिखावा भर होता है।  जो पैसा सदस्यों से सोसाइटियों जमा करती हैं। वो पुरा का पुरा पैसा वैधानिक तरीके से आगे निवेश नहीं कराते और अंदर खाने बंदर बांट चलने लगती हैं। जिसका खामियाजा निवेशकों औ...