दांतों की देखभाल
दांत कहते है आप मेरा ध्यान रखो मैं आपका ध्यान रखूँगा। जब दांत मुहँ मे पुरे होते हैं तो इनका अहसास कम होता है।लेकिन जब दांत हमारा साथ छोड़ देते हैं तो इनकी अनुपस्थिति बहुत खलती हैं। ऐसा मेरा उनुभव हैं क्योंकि एक एक्सिडेंड में मैंने दो दांत खो दिये। नकली दांत तो लगा लिये पर असली दांतों की अनुपस्थिति बहुत खलती हैं। वैसे भी भोजन का सामना पहले दांतों से ही खोता हैं। बाद में सारी प्रक्रियाऐं होती हैं। मुख स्वास्थ्य की बात हो तो पहली बात दांतों की आती हैं। कौन नहीं चाहता कि उसके चमकदार दांत न हो। दांत मजबूत हो और दुध जैसे सफेद हो। इसलिए दांतों की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। सुबह-शांय दांतों का मंजन करना चाहिए। अच्छी गुणवत्ता के मंजन या टूथपेस्ट से। मैं तो हमेशा पंतजलि का दंतकान्ति काम में लेता हूँ। आप भी बता सकते हैं कौनसा टूथपेस्ट काम में लेते हैं? आज छोटे-छोटे बच्चे भी दांतों की परेशानियाँ झेल रहें। बड़े तो ओर ज्यादा पीड़ा भगतते हैं। जब आप कभी दांतों के डाक्टर के यहां जाओ तो देख लेना बड़ी भीड़ होती है। इसलिए दांतों और मसुड़ो को जितना हो सके उतना मजबूत और स्वस्थ बनाए रखे। ताकि बहुत सी परेशानियों...