झुकना Band
आवश्यकता के अनुसार एक हद तक झुकना सही है। लेकिन बारबार आपको ही झुकना पड़े तो आपके लिए ठीक नही है। और सोचना होगा की सही होते हुए मैं क्यों झुक रहा हूँ?
इस बात पर निर्भर करता है कि जरूरत कितनी बड़ी है। बिना गलती के झुकना अपनी बड़ी गलती होती है। रिश्ते की नींव आपसी तालमेल पर टिकी रहती है। हमेशा एक को झुकना पड़े तो सही नहीं है।
जिसकी सोच -समझ प्रवृति बेहद अक्खड़, बदमिजाजी, अहंकारी और क्रोधी स्तर की होती है। वह समाज की मुख्यधारा में नहीं रह सकते। ऐसे लोग संबंधों को अच्छे से निभा नहीं सकते। अहंकारी स्वभाव इतना खराब है कि उनसे ज्यादा मेलजोल रखना नामुमकिन है। वह उस किस्म का इंसान होते है जो किसी को भी किसी भी हद तक शर्मिंदा करने का मौका नहीं छोड़ते। ऐसे में कई रिश्तेदार उससे संपर्क नहीं रखते हैं क्योंंकि उसके मुंह कौन लगे। साथ ही पिछले अगले बातों का बहाना बनाकर वह कुछ भी अप्रिय कह देता है जिससे सुनने वाला कान पकड़ लेता है कि दुबारा इससे जितना हो सके दूर रहूंगा। वह उन लोगों में से है जो अगर आपकी मदद भी करेगा तो आप उसे दुवाए देने की बजाय भगवान से प्रार्थना करोगे की दुबारा ऐसा दिन ना दिखाना।
पर भगवान भी आपके मजे लेना जानता है। वह आपको वहीं करवाता है जो आप नहीं करना चाहते हो। या जीवन ऐसे जीवों से जोड़ देता है। जिनको सारी उम्र झेलना पड़ता सहना पड़ता है। कोई इलाज नहीं
ऐसे व्यक्ति से बात करना जो पहले कई बार गंदा व्यवहार कर चुका है ऊपर से मुझसे कुछ ज्यादा ही चिड़ा रहता है(भगवान जाने क्यों) उसको मदद के लिए कहना हमारे लिए बेहद दुखदाई होता है। ऐसे लोग ताना कसने के अलावा कुछ नहीं कर पाते मौका नहीं छोड़ते। मेरे साथ भी अनेको बार ऐसा हुआ बेवजह बकवास सुननी पड़ी। और उस स्थान से चाहते हुए भी हट नहीं सका। खैर कभी -कभी ऐसा ही हो जाता हैं।
बारबार क्षमा करना भी एक बड़ी कमजोरी होती है।
कई बार ना चाहते हुए भी बात करनी पड़ती है। तानों से अगला शुरुआत करता है। उत्तर भी ठीक ढंग से नहीं देता है। पर किया क्या जाए मजबूरी होती हैं। ऐसे हालात एकाधिकार जैसे लगते हैं।
अंहकारी व्यक्ति दूसरों को नीचा दिखाने का एक मौका नहीं छोड़ते। भले ही उनका अपना जीवन दावा पर लग जाए।
खैर,
जैसे तैसे करके अपना काम निकलवा लेना चाहिए क्योंकि जरूरत बड़ी होती हैं। तौबा कर लो की भगवान अब दुबारा ऐसे हालात ना बनाना की इन से बात करनी पड़े।
किन्तु सब जानते है कि हालात फिर ऐसे बनेंगे और फिर से अपने जीवन में महत्वपूर्ण लक्ष्य को प्राथमिकता देकर झुकना पड़ सकता है।
ना इतना नजदीक जाओ कि अगला कहे कि थोड़ा दूर बैठ और ना इतना दूर जाओ की फिर से संवाद स्थापित करने में दिक्कत हो। जीवन है जीवन में कौन कब रंग भर दे। कौन कब बे रंग कर दे।
जीवन में आपको अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार बदलाव करने ही होंगे।
वक्त आने पर गधे को भी बाप बनाना पड़ता है।
ये कहावत अगर बनी है मतलब ऐसी परिस्थितियां दूसरों ने भी झेली है और हमें सबक दिया है।
इसलिए ज्यादा ना सोचे और फौरन उससे अपना काम निकलवाने कि कोशिश करें।
जो अपने कार्य में सफलता पा ले, वही योद्धा कहलाता है। उसने वह सफलता किस मुश्किल या मशक्कत से हासिल की इससे किसी को कोई मतलब नहीं रहता।
According to the requirement is right to bend to an extent. But if you have to bow down again, then it is not right for you. And think of why I was bent right? It depends on how large the need is. Without the mistake, it is a big mistake. The foundation of the relationship is rest on mutual coordination. It is not right to always bend one. Whose thinking is that the trend is highly, badmaji, egoistic and grumpy level. He can not live in the mainstream of society. Such people can not play relationships well. The egoistic nature is so bad that it is impossible to keep more peace. He is a kind of person who does not leave anyone to embarrass any extent. In such a situation, many relatives do not contacerate him as whom they have their mouth. At the same time, by making excuses of the last next thing, he tells you anything unpleasant, which holds the listening ear that will remain far away from it. He is among those who will help you instead of giving it to God, do not show a day again. But God also knows you to enjoy. He will do you at the same way that you do not want to do. Or life connects to such organisms. Those who have to endure all the time have to endure. There is no cure, talking to a person who has done dirty several times, it is very much kissing than me (why to go to God) to say to us is very sad. Such people do not leave the opportunity to do nothing besetting the warp. Many times with me, it has to hear the unnecessary nonsense. And could not even get away from that place. Well, sometimes it becomes similar. Repeated apologies also have a great weakness. There are many times not to talk about. Next starts from the ts. The answer does not even properly. But what are the compulsions? Such situations look like monopoly. The honor of the people do not leave an opportunity to show others. Even if they are on their own life claim. Well, like you should get your work out because the need is big. Take it out that God now does not have to talk to these things again. But everyone knows that circumstances will become such and can be bent again by giving priority to the important goal in my life. Do not go so close that next say that you sit a little distant and go away so much that there is a problem in communicating again. Life is in life, who fill the color. Who can color the bay? In life, you have to make changes according to your priorities. When the time comes, the ass has to make a father. If these proverbs have made, such circumstances have also been given to others and have given us a lesson. So try not to think more and immediately to get out of it. Those who get success in their work, is called the same warrior. He does not make any sense to anyone from what difficulty or hard work.
Nice
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