जीवन के रास्ते Way of life

 


जीवन के रास्ते में जीत उनकी जो चलते हैं। हिम्मत से ही, मेहनत से ही भाग्य बदलते हैं। हर व्यक्ति चांदी का चम्मच लेकर पैदा नहीं होता है। सोच में सारी उम्र चांदी का चम्मच ही रहता है। चलना ही जीवन हैं।
रास्ता एक पुलिंग शब्द है वैसे तो एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचना ही गति है। जहाँ से गुजरता है। वो राह होती है।
व्यक्ति के जीवन के रास्ते एक साथ कहीं न कहीं ज्यादा रास्तों,मार्ग,राह,प्रथा रीत पर चलता है।
चलने के लिये पांव चाहिए या साधन। प्रथा को भी राह और साधन चाहिए।तभी तो वह पिढि दर पिढि चलती हैं समाज के लिये हीत कर होती हैं जैसे पर्व,त्यौहार
गलत प्रथाओ को लोग रास्ता नहीं देते हैं वो खत्म हो जाती हैं 
उपाय भी एक रास्ता ही तो है जो सोपानों पर तय होता है।उपाय तब सुझते हैं जब सामने कोई समस्या खड़ी हो। समस्या को विकराल रूप तक नहीं पहुंचने देना चाहिए। 
लक्ष्य तय होता ही कोई न कोई रास्ता सुझता हैं। इस प्रकार लक्ष्य भी तो एक रास्ता हुआ। जो कहीं का कहीं ले जाता है। लक्ष्य भटकना ही रास्ता भटकना हैं। हर भटकाव एक सीख देता है। सोच ही रास्ता खोजती है। 
जब सोच एक जैसी हो जाए तो कई और भी चल पड़ते है। 
रास्ता वह होता है जो कार्य या कोशिश जिससे अभीष्ट तक पहुंच  हो सके। रास्ता हर एक के लिये एक जैसा ही होता है  चलने के लिये तैरने के लिये उड़ने के लिये 
रास्ता स्थान झेरता है। 
रास्ता तो सुक्ष्म।को भी चाहिए जैसे प्रकाश,हवा महक आदि
सुक्ष्म स्थान नहीं घेरती एक जगह सब रह सकती हैं। स्थान खाली नहीं करना पड़ता 

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