आंसूओं से इलाज
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जिस युग में हम लोग जी रहे हैं, इस युग में हम सभी को ऐसी दिव्य दृष्टि की सबसे ज्यादा आवश्यकता है.
स्मार्ट कॉन्टैक्ट लेंस की खूबियां जान लीजिए
आंसू मन का हाल ही बयां नहीं करते- तन की सेहत का पता भी देते हैं. अब यही आंसू आपको बीमारियों का अलर्ट भी दे सकते हैं. यानी आपकी आंखों के आंसू अग्रिम चेतावनी देकर आपको आगाह कर सकते हैं कि आपको कौन सी बीमारी हो सकती है. डायबिटीज, दिल की बीमारी और किडनी की कई बीमारियों का पता अब आंसुओं से ही चल जाएगा. दक्षिण कोरिया के वैज्ञानिकों ने एक स्मार्ट कॉन्टैक्ट लेंस तैयार किया है. सेंसर लगे इस लेंस से आपके मोबाइल फोन पर आंसुओं में मौजूद ग्लूकोज यानी ब्लड शुगर का लेवल भेज दिया जाएगा. ये कॉन्टैक्ट लेंस वो लोग भी लगवा पाएंगे जिन्हें चश्मा नहीं लगा है.
क्या आप जानते हैं कि आंसुओं का भी टेस्ट किया जाता है- आंखों में मौजूद तरल पदार्थ कई बीमारियों का पता दे सकते हैं. अभी तक एलर्जी, ड्राई आइज और बिना वजह आंसू बनने जैसी कई बीमारियों का पता लगाने के लिए आंसुओं की जांच की जाती है. आंसुओं का टेस्ट कैसे किया जाता है - इसके लिए हम आपको एक माइक्रोबायोलॉजी लैब में ले चलते हैं.
मशीन से सुई चुभोकर शुगर टेस्ट करने की तकनीक अब पुरानी हो सकती है. अभी तक आप डायबिटीज चेक करने के लिए ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल करते हैं या लैब में जाकर उसकी जांच करवाते हैं. लेकिन कॉन्टैक्ट लेंस लगाने के बाद ब्लड शुगर की जांच अपने आप होती रहेगी. ये तकनीक उन लोगों के लिए फायदेमंद होगी जिन्हें बार बार शुगर चेक करनी पड़ती है. लेंस में एक छोटा सेंसर, एक सर्किट और लेड लाइट भी लगाई जाएगी. ग्लूकोज का लेवल बढ़ने पर ये लाइट जल जाएगी. फिलहाल ये लेंस खरगोश की आंखों पर लगा कर टेस्ट किए गए हैं. अब इस स्मार्ट लेंस को इंसानों पर टेस्ट किया जाएगा.
रोना सेहत के लिए अच्छा भी है...
आंसुओं की कीमत भावनात्मक रूप से ही नहीं, वैज्ञानिक रूप से भी बढ़ गई है. थोड़ा बहुत रोना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है. एक रिसर्च के मुताबिक, रोने से, मानसिक तनाव कम होता है. इसलिए हफ्ते में कम से कम एक बार, जी भर के रो लेना चाहिए. रोने के दौरान आंसुओं के जरिए ऐसे हार्मोन निकलते हैं, जिनसे मानसिक तनाव कम होने लगता है. इन हार्मोन्स को स्ट्रेस हार्मोन कहा जाता है.
इसके अलावा रोने के दौरान शरीर में इंडोमॉर्फिन नामक हार्मोन पैदा होता है, जिससे मन हल्का हो जाता है और आपको अच्छा महसूस होता है. अगर आप दुखी हैं और किसी कारणवश नहीं रो पा रहे हैं, तो ऐसी स्थिति में आपका मन भारी रहता है. आपने खुद भी ये बात नोटिस की होगी.
सबसे बड़ी बात ये है कि भावनाओं को दबा कर रखने से शारीरिक ढांचे को नुकसान पहुंचता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति भी पैदा हो सकती है.
यहां आपको एक बात समझनी होगी कि रोने का मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि किसी व्यक्ति को डांट कर या दुख पहुंचाकर रुलाना शुरू कर दिया जाए या ये खबर पढ़कर आप जबरन रोने बैठ जाए आपका मन भारी हो तो खुद को रोकिएगा मत. वैसे हम उम्मीद करेंगे कि इस खबर के बाद आपके चेहरे पर मुस्कुराहट ही होगी.
nice article
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