Best form of controlled thinking
आप अच्छी तरह सोचने के पर ही कुछ बोलते हैं तो यह अच्छी समझ की बात है,पर यदि आप ज्यादा सोचते हैं तो अपने कार्य करने में पीछे रह जाने से हैं आपको बड़ी बेचैनी सी महसूस हो जाती है यह बहुत बड़ी समस्या है | क्या आप बहुत ज्यादा सोचने की समस्या पर निंयत्रित
करना चाहते हैं? तो निम्न लिखित बातें आपके काम आ सकती है।
अपने विचारों को ढीला छोड़ दें और यह मान कर चलें कि आप बहुत ज्यादा सोचते हैं: जैसे भोजन करने की तरह ही सोचना भी ऐसा काम है जो जिन्दा रहने के लिए आवश्यक है, इसलिए अगर आप हद से ज्यादा सोच रहे हैं तो भी कई बार इस बात को समझना कठिन सा हो जाता है।फिर भी कुछ संकेत हैं जिनसे ये पता हो जाता है कि आप आवश्यकता से ज्यादा सोच रहे हैं |
क्या आप अनवरत एक ही विचार को लेकर सोचते रहते हैं? क्या इस विचार के बारे में सोच ने के कारण आपका विकास नहीं हो रहा है? यदि ऐसा हो रहा है तो यह एक संकेत है कि अब आपको उसके बारे में सोचना समाप्त कर देना चाहिए |
क्या आपने एक ही परिस्थिति का विश्लेषण कई तरीकों से किया है?काम कैसे करना है, ये पक्का करने से पहले यदि आपको काम करने के बहुत से तरीके दिखाई दे रहे हों तो हो सकता है कि ये आपके लिए बाधक हो रहा हो और आप किसी एक तरीके से काम शुरू ही नहीं कर पा रहे हों |
किसी चीज के बारे में सोचने की प्रक्रिया के दौरान जिन नजदीकी लोगों ने जो मदद की है, क्या उसकी आपने कोई तालिका बनायी है? यदि आपने ऐसा किया है तो आप जान सकते हैं कि आपको एक ही विचार के विषय में कई विभिन्न विचार प्राप्त सकते हैं और इस कारण से आप पागल जैसे हो सकते हैं |
क्या आपको जरूरत से ज्यादा सोचने के लिए मना कर रहे हैं? क्या हमेशा विचारमग्न रहने के कारण,दार्शनिक होने की बात पर आपको कहते रहते हैं? यदि ऐसा है तो हो सकता है कि उनकी बात में दम हो |
ध्यान करें: ज्यादा सोचना कैसे बंद करें,यदि आपको ये समझ में ना आये तो आपको विचारों को ढीला छोड़ देने और उनसे ध्यान हटाने की कोशिश करने की जरूरत है ताकि सोचना आपके लिए ऐसा काम बन जाए जिस पर आपका निंयत्रण हो।सोचने को साँस लेने के तरीके की तरह समझिये जिसे आप बिना ध्यान दिए लेते रहते हैं, यदि जरूरत पड़े तो आप साँस रोक भी सकते हैं | ध्यान/ योग के अभ्यास से आप गंदे विचारों को रोकना सीख सकते हैं |
सुबह के समय अगर आप आधा घंटा ध्यान करें तो भी गंदे विचारों पर ध्यान देना छोड़ देने तथा वर्तमान में रहने की आपकी क्षमता पर चमत्कारी असर होगा |रात्रि के समय में भी अपने मन को शांत करने के लिए भी आप ध्यान कर सकते हैं |
व्यायाम--उत्साहित तरीके से दौड़ने या टहलने से भी परेशान कर देने वाले गंदे विचारों से ध्यान हटाने और अपने शरीर पर ध्यान देने में बहुत ज्यादा मदद मिलती है | यदि किसी खेल-कूद या शारीरिक परिश्रम वाले काम में समय लगायें,तो व्यक्ति का ध्यान अपने शरीर पर ही केन्द्रित हो जाएगा कि आपके पास नाहक की बातें सोचने के लिए समय ही नहीं रहेगा | कुछ उपाय हैं जिन्हें आजमाना चाहिए:
चक्र वाली जिम में प्रवेश कर लें: जब घंटी की आवाज सुनकर आपको हर मिनट नयी मशीन पर प्रयोग करना पड़ेगा तो ज्यादा सोचने का मौका ही नहीं मिलेगा | प्रकृति के निकट रहना तथा प्रकृति की सुन्दरता और शान्ति को निहारना ऐसा कार्य है जिससे ध्यान वर्तमान में रखने में ज्यादा मदद मिलती है।
तैराकी करें: जब तैर रहे होते हैं तो इतना श्रम कर रहे होते हैं कि कुछ भी सोचने पर ध्यान ही नहीं जाता। करना।
विचारों को ऊंची आवाज में बोल के दोहरायें:भले ही अपनेआप से ही बात कर रहे हों,लेकिन एकबार यदि आप सबकुछ जोर-जोर से बोल लेते हैं,तो मान लीजिये कि आपने अपने विचारों को ढीला छोड़ देने की प्रक्रिया की पहल कर दी है | यहां-वहां घूम लें तथा धीरे-धीरे कदम आगे बढ़ाएं | एकबार अगर विचार कह दिए तो इसका अर्थ है कि आपने अपने विचारों को अपने दिमाग से बाहर निकाल दिया और बाहरी दुनिया का हिस्सा बनाना प्रारंभ कर दिया है।
अपने विचारों को अपनेआप के सामने कह सकते हैं, अपने पालतू जानवरों के सामने व्यक्त कर सकते हैं, या अपने किसी विश्वासपात्र साथी से भी कह के सकते हैं |
किसी से सलाह ले सकते हैं -सोचने-समझने की क्षमता समाप्त काम ना कर रही हो,पर हो सकता है कि किसी अन्य व्यक्ति का विचार आपसे अलग हो और वो सही निर्णय लेने में आपकी सहायता कर सके | ऐसा करने से आपको परेशान कर देने वाले विचारों से छुटकारा मिलेगा | यह सच आपका सज्जन आपकी परेशानियों को कम कर सकता है, आपको बेहतर महसूस करा सकता है, और आपको इस बात का एहसास भी दिला सकता है कि आप ज्यादा सोच-सोच कर अपना बहुत अधिक समय नष्ट कर रहे हैं |
इसके अलावा, अगर आप किसी मित्र के साथ घूम-फिर रहे हों तो इसका मतलब है कि आप सोचने के साथ-साथ और भी बहुत कुछ कर रहे हैं |
अपने विचारों पर नियंत्रण पाना--
ऐसी आवश्यक चीजों की एक तालिका बनाए जिनसे आपको असहजता महसूस होती हो।चाहे आप किसी कागज पर लिख रहे हों या कंप्यूटर मोबाइल पर, आपको सबसे पहले अपनी किसी समस्या को परिभाषित करना होगा और उसके बाद अपने विकल्पों पर ध्यान केंद्रित करना होगा। और फिर प्रत्येक विकल्प के लिए अच्छे और बुरे पक्ष की सूची बनानी होगी। आप अपने विचारों को अपने सामने रखें तो ऐसा करने से आप हर पल अपने मस्तिष्क में अपने विचारों के चलते रहने की समस्या पर नियंत्रण कर सकते हैं |
यदि तालिका बनाने से भी आपको निर्णय लेने में कोई सहायता ना मिले तो आप बिना भय के अपनी सहज समझ के अनुसार निर्णय लें | अगर एक से ज्यादा विकल्प लगभग एक जैसे असरदार लगें तो ज्यादा सोचने से आपको समस्या का कोई स्पष्ट समाधान नहीं मिल पाएगा।ऐसे में आपको गहराई में जाना होगा और अपने अनुभव और सामान्य विवेक से ही निर्णय लेना होगा।
जो बातें आपको परेशान कर रही हैं, उन्हें लिखकर रखे। ऐसे विचार जो ज्यादा देर तक आपके मस्तिष्क में बने रहते हैं उन पर ध्यान देने की बजाय हर दिन उन सभी बातों को लिखें जो आपके मस्तिष्क में आती हैंएक सप्ताह के अंत में आपने जो भी लिखा है उसे पढ़ें और उनबातों का एक बनायें जो आपको सबसे ज्यादा परेशान कर रही हों क्योंकि उनका निकालना आपके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है |
हफ्ते में कम-से-कम कुछ बार अपनी डायरी में लिखने की आदत जरूर डालें क्योंकि ऐसा करने से आप “सोचने का समय निकालने की आदत को अपनी जीवनशैली का अंश बना सकेंगे, इसलिए दिनभर अपने विचारों के कारण परेशान रहने की बजाय आप निश्चित समय पर थोड़ी देर हर रोज अपने विचारों पर ध्यान देंगे |
Wonderful
ReplyDeleteWonderful
ReplyDeleteGood
ReplyDelete