Method of training stimulates trainee for creative thinking प्रशिक्षण की विधि रचनात्मक



ओ मेरे दिल के चैन

बजरंग बाण

 प्रशिक्षण की विधि रचनात्मक सोच के लिए प्रशिक्षु को उत्तेजित करती है

method of training stimulates trainee for creative thinking

रचनात्मकता एक वह गुण है जिसे हम ने अपने अंदर एक तरह से समाया हुआ है। जो कुछ नए का आविष्कार करता है या फिर किसी चीज़ का पुनः आविष्कार जो पहले से  है  उसे ओर अच्छा  बनाने के लिए उपयोग करता है।

बहुतों की रचनात्मक क्षमता सतही स्तर की होती हैं और किसी -किसी की रचनात्मकता जन्मजात होती है। रचनात्मकता व्यक्त करने में अधिक देर नहीं  लगती। कहने का मतलब यह है की हम सभी रचनात्मक हो सकते हैं। हमे सिर्फ  इसे अपने भीतर से निकालने के लिए कोशिश करनी होती है। कुछ बिंदु है इन पर काम करने से रचनात्मक बढ सकती है।

(1) अपनी  सोच बदल ले-- आपनी सीमाओं  के बाहर सोचें, विषय-वस्तु को सुनना  होगा।  स्थिति को एक अलग परिपेक्ष से देखने का प्रयास करना  चाहिए।  अपना सोच बदलें।  उन सभी कारकों पर मंथन करें जो आपकी दिक्कत या आपकी परेशानी  से प्रभावित हैं।  परेशानी  को कई सोपानों में तोड़ने का प्रयास करें और फिर उन्हें परिवर्तन करें।  सोचें  यदि एक विचार को बदल दिया जाए तो क्या होगा।  यह पक्ष रचनात्मकता को बढ़ाने में अहम है क्योंकि यह आपको संभावित निर्धारण को हटाने में सहयोग करता है जो रचनात्मकता में परेशानी  डाल सकता है।

(2) मानसिक रूप से अपने वर्तमान जगह से दूर जाना-- सोच  करें कि यदि उसी हालात में किसी अन्य की क्या प्रतिक्रिया होगी। समस्या एक होती है समाधान अनेकों हो सकते हैं।

 (3) अपनी परिकल्पना को विस्तार से चलने दें-- अपनी कल्पना को विकसित करने का अभ्यास करें। संशोधन रचनात्मकता को गति दे सकता है क्योंकि आप वस्तुओं को एक अलग तरह में देखते हैं।  आप चरम सीमाओं को  सोचने की कोशिश कर सकते हैं।  यही परम मस्तिष्क व्यायाम है।

(4) आपका आराम स्थान-- पर्यावरण को सही से बनाना होगा।वह स्थान चूने जहाँ अनावश्यक रूप से परेशान हुए बिना ध्यान केंद्रित कर सकें ताकि आप किसी समस्या पर अपना पूरा ध्यान दे सकें।  यदि आप समान विचारधारा वाले व्यक्तियों  के साथ होते हैं तो आप कुछ अच्छा कर सकते  हैं।  इसे स्पष्ट शब्दों में कहें तो अपनी रचनात्मक क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करने के लिए रचनात्मक व्यक्तिओ  के साथ रहे।

(5) समय अपने आप को ज़रूर दें--आप रचनात्मकता को बढ़ा सकते। जल्दबाजी विचारों के लिए आवश्यक  मदद नहीं करती है।  जब आप  जबरदस्ती करने की कोशिश कर रहे होते हैं, तो आपका मन मस्तिष्क  थोड़ा अव्यवस्था की स्थिति में चला जाता है। यदि आप समय पर नहीं हैं। तो इस तरह की गतिविधियों की एक सूची अपने पास रखें।  प्रत्येक गतिविधि पर जाएं और  व्यायाम करें।  उसे कुछ ज्यादा समय दें।

(6) सहायता लें-- अपने विचारों को दूसरों तक पहुंचाएं। समस्या को कम करने के लिए  एक अलग दृष्टिकोण मदद कर सकता है।  कभी पूछने में संकोच  न करें।  रचनात्मकता के संबंध में विविधता बहुत सहायक होती  है।  एक बुद्धिशीलता की पाठशाला का आयोजित करें।

बुद्धिशीलता में  सफल होने के लिए  नियमों का पालन किया जाता है। आलोचना नहीं होनी चाहिए।  आलोचना विचारों के प्रवाह में बाधा डालती है। कम से कम तत्काल आलोचना करने से बचना चाहिए। विचारों के संयोजन या संशोधन को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। भले ही वह आपको अच्छे न लगे।

बुद्धिशीलता में गुणवत्ता की मात्रा को प्राथमिकता दी जाती है।

विचित्र  विचारों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

 ये रचनात्मकता  को प्राप्त करने के लिए कुछ विचार हैं।  इन्हें अपना कर के अनुकूल बनाया जा सकता है।  इसकी एक बड़ी मात्रा आपके लिए नीचे है।  आपकी रचनात्मकता बढ़ जाएगी।

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