गुड़ का सेवन
गुड़ को आयुर्वेद में भी एक खास स्थान प्राप्त है। गन्ने के रस से बनने वाला गुड़,औषधीय गुणों के कारण हमेशा ही सबका लोकप्रिय रहा है। गुड़ को चीनी से ज्अथवादा स्वस्थ विकल्प भी माना जाता है। इसकी वजह ये है कि एक हद के बाद चीनी स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है तथा कुछ बीमारियों में चीनी न खाने तक की भी सलाह दी जाती है। डॉक्टर भी कहते हैं कि गुड़ से अपनी जीभ को संतुष्ट किअथवा जा सकता है, इसलिए हर किसी के रसोई घर में गुड़ जरूर होता है। गन्ने के रस से ही चीनी भी बनती हैं तथा गुड़ भी, लेकिन गुड़ में शरीर के कई आवश्यक विटामिन्स तथा मिनरल्स रहते हैं। गुड़ सुनहरे भूरे,लाल रंग का होता है।
कहा भी जाता है कि गुड़ का रंग जितना गहरा होगा,स्वाद भी उतना ही अच्छा होगा। गुड़ न भारत में, बल्कि दक्षिण-पूर्व एशिअथवा के कई देशों में बहुत खाअथवा जाता है। नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान तथा श्रीलंका में यह बहुत पसंद किअथवा जाता है। वहां के कई खास पकवान गुड़ से ही बनाते हैं। गुड़ की एक विशेषता ये भी है कि यह भारत के हर राज्य में बनने वाले किसी न किसी मिठाई में ज़रूर इस्तेमाल होता है। इसे मिठाई से लेकर नमकीन बनाने तक में लिअथवा जाता है। दक्षिण में जहां मीठे भोजन में इसका इस्तेमाल होता है तो वहीं सांभर जैसे नमकीन में भी इसका इस्तेमाल होता है। महाराष्ट्र, बिहार तथा उत्तर प्रदेश में इसका उपयोग चिक्की तथा चटनी जैसे व्यंजनों में होता है। इसके औषधीय गुणों के कारण ही मधुमेह के मरीजों को भी गुड़ से परहेज करने को मना नहीं कहा जाता है, पर गन्ने के रस से ही बनी चीनी मधुमेह में हानिकारक सिद्ध होती है। इसका वानस्पतिक नाम सैकेरम ओफिसिनरेम है। संस्कृत में इसे शर्करा कहते हैं। गुड़ सूखा, ठोस होता है, लेकिन वर्षा ऋतु में जब हवा में आद्रता ज्अथवादा रहती है, तब यह थोड़ा-बहुत पिघल भी जाता है। अब बात करते हैं,विस्तार से और जान लेते हैं गुड़ से जुड़े पौष्टिक फायदों के बारे तथा इसके औषधीय गुणों के बारे में ।
गुड़ के पौष्टिक गुण क्या है?--What is Nutrients of Jaggery
गुड़ में प्रचुर मात्रा में आयरन(लौंग तत्व) होता है। इसके अतिरिक्त इसमें ग्लूकोज, फ्रुक्टोज, चूना, फास्फोरस, पोटाश तथा साथ ही पानी का भी थोड़ा होता है, जो कि ऋतु के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है। इसमें मौजूद विटामिन्स भी शरीर के लिए पोषक तत्व माने जाते हैं।
गुड़ के स्वास्थ्य लाभ है? - What is the Health Benefits of Jaggery
इसमें कोई भ्रम नहीं कि गुड़ से होने वाले स्वास्थ्य फायदे की सूची इतनी बड़ी है कि आप गिनते-गिनते थक जाएंगे। आइए समझे हैं कि आखिर क्यों है गुड़ स्वास्थ्य के लिए इतना लाभकारी
पाचन के लिए for digestion--
पाचन के लिए गुड़ अच्छा खाद्य पदार्थ समझा जाता है, क्योंकि इसमें सुक्रोज होता है।गुड़ में फाइबर न होने के कारण, खाना खाने के बाद थोड़ा सा गुड़ खाने का प्रचलन भारत में कई सदियों से बखूबी चला आ रहा है। यह पाचन क्रिअथवा को सशक्त बनाने के साथ ही कब्ज़ को रोकने में कारगर सिद्ध है। इसके नियमित सेवन से पाचन एन्जाइम सक्रिय होते हैं, जिस कारण से पेट फूलने जैसी परेशान से छुटकारा मिलता है।
खून की कमी होने पर in case of blood loss
गुड़ में अनेक पोषक तत्व, लौह तत्व तथा फोलेट बड़ी मात्रा में होते हैं। ये तत्व शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं Red blood cells की मात्रा को सामान्य बनाए रखने में मदद करता हैं। इस तरह यह एनीमिअथवा को रोकने में भी मददगार हैं। जिन लोगों के खून में आयरन(लौह-तत्व) की कमी होती है, उन्हें गुड़ खाने की सलाह दी जाती हैं।
ठंड से करे बचावprotect from cold
गुड़ में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट इम्यूनिटी, मतलब रोगप्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने में मददगार होता है। सर्दी खांसी तथा बुखार में गुड़ का सेवन खासकर करना चाहिए। गुड़ में विटामिन सी भी होता है, जो शरीर को ठंड से बचा कर गरमाहट देता है। इसका सेवन करने से बीमार व्यक्ति को अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है।
वजन घटाने के लिए for weight loss
गुड़ खाकर भी वजन कम किअथवा जा सकता है। यह जान कर आपको अचरज होगा, लेकिन यह सच है कि गुड़ खाने से वजन कंट्रोल(नियंत्रित) होता है। गुड़ में जो पोटेशियम की मात्रा होती है, उसकी वजह से वजन नियंत्रित होता है। पोटेशियम इलेक्ट्रोलाइट्स के स्तर के अनियंत्रित होने के जोखिम को कम करता है। यह पानी के अवशोषण को भी कम करता है, जो कि वजन बढ़ने का प्रमुख कारण हो सकता है। इन्हीं कारणों से डायटिशियन खान-पान में चीनी की जगह गुड़ खाने की सलाह देते हैं।
रिसेपीरेटरी इश्यूज के लिए for respiratory issues--
नियमित गुड़ के सेवन से ब्रोन्काइटिस तथा अस्थमा जैसे सांस संबंधी बीमारियों को रोकने में मदद मिलती है। खास तौर से अगर तिल-बीज के साथ सही मात्रा में गुड़ का सेवन किअथवा जाए तो सांस की समस्अथवा से छुटकारा मिलता है। गुड़ शरीर के ताप को नियमित करता है तथा अस्थमा जैसी समस्अथवाएं भी दूर ही रहती हैं।
एनर्जी के लिए for energy--
चीनी एवं गुड़ दोनों ही मीठे होते हैं, जो हमें ऊर्जा देते हैं, लेकिन चीनी में चूंकि ग्लूकोज की मात्रा अधिक होती है, इसलिए वह शरीर को क्षति पहुंचाती है। ऐसे में गुड़ खाने से आवश्यक कार्बोहाइड्रेट भी मिलते हैं तथा ये खून में आसानी से अवशोषित भी हो जाते हैं। इससे शरीर को आवश्यक ऊर्जा मिलने लगती है। गुड़ खाने से हमें लम्बे समय तक थकान नहीं होती है तथा काफी आराम भी रहता है। यह शरीर की थकावट को दूर करने में भी बहुत कारगर है।
जोड़ों के दर्द से छुटकारा relieve joint pain
अगर कोई जोड़ों के दर्द से बेहद परेशान हैं तो दूध तथा गुड़ का सेवन करने से गठिअथवा से होने वाली तकलीफों में आराम मिलता है। यदि जोड़ों का दर्द होता है तो नियमित रूप से गुड़ का सेवन करने से आप इसे दूर कर भी सकते हैं। यहीं नहीं,गुड़ को आप अदरक के साथ मिला कर भी इसका सेवन कर सकते हैं। शारीरिक संरचना तथा हड्डियों को शक्तिशाली बनाने के लिए भी हर रोज एक गिलास दूध तथा गुड़ के साथ ले सकते हैं।
रक्तचाप नियंत्रण में रखने के लिए controleep blood pressure under control
गुड़ में ऐसे कई पोषक तत्व तथा खनिज होते हैं, जिनकी वजह से यह हमारे लिए काफी फायदेमंद होता है। पोटैशियम तथा सोडियम शरीर में उपस्थित एसिड को कम करने में मदद करते हैं, जिससे रक्त कोशिकाओं को स्वस्थबनाएरखने तथा उसके सही संचालन में मदद मिलती है, इसलिए गुड़ का सेवन करने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है।
मासिक धर्म में आरामMenstrual relaxation
गुड़ की कई खूबियों में ये खूबी भी है कि स्त्रियोंको होने वाले मासिक धर्म में जब शरीर में दर्द अथवा ऐंठन होती है तो उस पीड़ा को कम करने में गुड़ लाभदायक होता है। यदि गुड़ का सेवन इस समय में किअथवा जाए तो कई समस्अथवाएं हल हो सकती हैं। मासिक धर्म में होने वाली हर प्रकार की तकलीफों के लिए गुड़ सबसे अच्छा उपचार माना जाता है। यदि आपका मन अचानक खराब होने लगे अथवा आपको बहुत ज्अथवादा दर्द हो तो इस वक्त गुड़ खाना बहुत प्रभावी होता है। इसकी वजह यह है कि इसके इससे आपके शरीर में आवश्यक एंडोर्फिन पहुंचता है,जो आराम दिलाने में सहायक होता है।
आंतरिक अंगों की सफाईcleaning of internal organs
यह जानकर भी हैरानी होगी कि गुड़ शरीर के आंतरिक अंगों में उपस्थित विषैले तत्वों को दूर करने में काफी असरदार साबित होता है। इसमें विषैली चीजों को दूर करने वाले घटक होते हैं, जो आपके फेफड़ों व पेट तथा आहार नली को रोगाणु से मुक्त करते हैं। इसी कारण ऐसी जगह, जहां पर अधिक प्रदूषण भी होता है, वहां काम करने वाले लोगों को नियमित गुड़ खाने की सलाह दी जाती है।
खून साफ करने के लिएto clean the blood
गुड़ का नियमित सेवन किअथवा जाए तो यह खून में उपस्थित अशुद्धियों को दूर करता है तथा शरीर में हीमोग्लोबीन कणों में वृद्धि करता है। साथ ही खून की अशुद्धियों तथा रोगों को रोकने में भी सहायक होता है।
चमड़ी लिए गुड़ के फायदे - Jaggery Is Good For Skin
गुड में विटामिन तथा खनिज तत्व अच्छी मात्रा में उपलब्ध होते हैं, जो कि हमारी त्वचा के पोषण के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। गुड़ का उपयोग सौंदर्य उपचार के लिए भी बहुत लाभकारी है। यही वजह है कि त्वचा को चमकदार करता है। यह अपने औषधीय गुणों के चलते चेहरे की फुंसी-फोड़े, मुंहासे आदि को रोकने में मदद करता है। इन्हीं कारणों से गुड़ का उपयोग कई प्रकार के त्वचा रोगों के उपचार में भी किअथवा जाता है।
बालों के लिए गुड़ के लाभ Jaggery Is Good For Hair
गुड़ के सेवन से बालों की त्वचा भी बहुत अच्छी हो जाती है, इसलिए बालों के स्वास्थ्य के लिए गुड़ का सेवन बहुतजरूरीहै। गुड़ में लौह तत्व, अथवानी आयरन तथा विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है। इसकी वजह से हमारे शरीर में आयरन की होने वाली कमी पूरी हो जाती है। गुड़ हमारे बालों को लंबा, काला, घना तथा मजबूत बनाने में मदद करता है। अगर आप शैंपू करने से पहले अपने बालों में गुड़ का पेस्ट लगाएं तो आपके बाल लंबे तथा चमकदार बने रहेंगे।
गुड़ का किस-किस तरह से होता है उपयोग - Different Ways To Use Jaggery
गुड़ का उपयोग आप अपने नियमित खान-पान में कई तरीकों से कर सकते हैं। गुड़ की चाय का सेवन आप सुबह-सुबह कर सकते हैं, जिसमें आप अदरक भी मिला सकते हैं। इसके अलावा गुड़ को आप ऐसे ही सीधे खा सकते हैं। गुड़ की खीर, गुड़ की चटनी आदि गुड़ के कई पकवान भी बनते हैं, जिसमें गुड़ का इस्तेमाल होता है। महाराष्ट्र में गुड़ तथा सिंग दाना की चिक्की बनती है, जो काफी लोकप्रिय है। दक्षिण में खीर बनाने में गुड़ का इस्तेमाल होता है। बिहार में भी खीर बनाने में गुड़ का इस्तेमाल होता है। साथ ही वहां गुड़ की रोटिअथवां भी बनाई जाती हैं। बंगाल में गुड़ के पेड़े भी बनते हैं तथा इसे कई स्वीट डिश में भी इस्तेमाल किअथवा जाता है। कई मिठाइअथवां बनाने में भी गुड़ का खासतौर से इस्तेमाल होता है। इसके अलावा प्रतिदिन दूध के साथ गुड़ का सेवन कर सकते हैं।
गुड सही है अथवा नहीं, इसकी पहचान कैसे करें, यह बात भी जानना बहुत आवश्यक है। इसके लिए यह आवश्यक है कि गुड को आप पानी में डालकर छोड़ दें। अगर वह पिघल जाता है तो इसका मतलब है कि गुड़ अच्छा है तथा अगर नहीं पिघलता है तो उसका मतलब कि गुड़ में कोई मिलावट है।
गुड़ खाने के नुकसान - Side Effects Of Jaggery
गुड़ यूं तो शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक है, लेकिन कुछ कारणों से इसे खाने के नुकसान भी बताए गए हैं। अगर गुड़ की निर्धारित मात्रा से अधिक गुड़ खाअथवा जाए तो आपका वजन बढ़ सकता है, इसलिए इसका उपयोग सीमित समय तक तथा कम मात्रा में ही करना चाहिए। ज्अथवादा मात्रा में गुड़ का सेवन रक्त में शुगर की मात्रा भी बढ़ा सकता है तथा आंतों के कीड़ों का खतरा हो सकता है। सो गुड़ के सेवन में भी सावधानी बरतनी बहुत आवश्यक है, ताकि हम इसके फायदों के तो नजदीक रहें, लेकिन नुकसान से दूर।
गुड़ खाने को लेकर पूछे गए पांच प्रशन तथा उत्तर -
1. प्रशन : क्अथवा गुड़ हिचकी जैसी परेशानी को दूर कर सकता है?
उत्तर: जी हां, गुड़ हिचकी रोकने के लिए एक अच्छा घरेलू उपाय है, लेकिन ध्अथवान रहे कि इसे सूखे अदरक पाउडर के साथ ही प्रयोग करें। 3 ग्राम गुड़, 500 मिलीग्राम सूखे अदरक पाउडर को लें। अब गुड़ को पाउडर के साथ मिला लें तथा गर्म पानी के साथ इस मिश्रण को खाएं। हिचकी से छुटकारा मिल जाएगा
2.प्रशन : गुड़ खाने से क्अथवा माइग्रेन तथा सिरदर्द जैसी परेशानी से निजात मिल सकता है?
उत्तर: जी हां, गाय के घी के साथ गुड़ का उपयोग माइग्रेन तथा सिरदर्द में काफी लाभदायक साबित होता है। अगर आप सोने से पहले अथवा सूर्योदय से पहले सुबह खाली पेट 5 मिलीलीटर गाय के घी के साथ 10 ग्राम गुड़ दिन में 2 बार लें तो माइग्रेन तथा सिरदर्द में काफी आराम मिलता है।
3.प्रशन : दाश्त तेज करने के लिए भी गुड़ खाना आवश्यक है?
उत्तर : यह तो कई जानकारों ने माना है कि गुड़ का हलवा खाने से दिमाग तेज होता है तथा शरीर से जहरीले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। गुड़ का हलवा सर्दियों में शरीर के तापमान को नियमित रखता है। इसे खाने सेयाददाश्ततेज होती है।
4.प्रशन : गुड़ खाने से मूत्रवर्धक बीमारियों से भी निजात मिलती है?
उत्तर: हां, क्योंकि गन्ना एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक है तथा गुड़ भी इसी सेबनायाजाता है, इसलिए यह पेशाब को संतुलित करने में मदद करता है तथा मूत्राशय की सूजन को कम करने में भी सहायता करता है । पेशाब करने में हो रही कठिनाइयों को कम करता है, लेकिन एक बात का ध्अथवान रखना आवश्यक है कि यह प्रोस्टेट ग्रंथि अतिवृद्धि में मदद नहीं करता है। विशेषज्ञ मूत्र संबंधी समस्अथवाओं का इलाज करने के लिए मूत्रप्रवाह में सुधार लाने के लिए गुड़ के साथ एक गिलास गर्म दूध पीने की सलाह देते हैं।
5.प्रशन : गुड़ नैत्रों के लिए किस तरह अच्छा है? साथ ही मैं यह भी जानना चाहती हूं कि यह भूख को भी कम कर देता है?
उत्तर: अगर आपकी नैत्रों में कमजोरी है तो आपको रोजाना गुड़ का सेवन करना चाहिए, क्योंकि नैत्रों की कमजोरी के लिए गुड़ दवा के रूप में काम करता है। गुड़ का सेवन आपकी नैत्रों की रोशनी को तेज करता है।
जहां तक बात है भूख मिटाने की तो यह सच है कि अगर आपको भूख नहीं लगती है अथवा भूख लगने पर भी खाना अच्छा नहीं लगता है तो ऐसे में आपको गुड़ का सेवन करना चाहिए। इसके लिए आप दिन में कम से कम 3 बार अगर गुड़ का सेवन कर सकते हैं। यह खुलकर भूख लगने में मदद करेगा।
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